लालची लोमड़ी की कहानी
लालची लोमड़ी की कहानी में यह है की एक बार की बात है एक जंगल में एक
चालाक लोमड़ी रहा करती थी। गर्मियों के दिन थे और वह भूख से परेशान होकर
जंगल में भटक रही थी। बहुत देर जंगल में भटकने के बाद लोमड़ी को एक खरगोश
मिला। लेकिन खरगोश मिलने के बाद लोमड़ी ने खरगोश को खाने की बजाय उसे छोड़
दिया क्योंकि वह इतना छोटा था की उसे खाने से लोमड़ी का पेट कहाँ भरने वाला
था।
इसके बाद लोमड़ी आगे बढ़ी फिर से जंगल में भटकने लगी। कुछ देर जंगल में
भटकने के बाद भूखी लोमड़ी को एक हिरण (Deer) दिखा हिरण को देखते ही लोमड़ी के
मुँह में पानी आ गया। लोमड़ी हिरण को पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ने लगी।
लोमड़ी ने अपनी पूरी ताकत से हिरण का पीछा किया पर हिरण लोमड़ी की पकड़ में
नहीं आया।
अब लोमड़ी खाने की तलाश में बहुत ही थक चुकी थी। जब लोमड़ी के हाथ हिरन भी
नहीं लगा तो लोमड़ी सोचने लगी की इससे अच्छा होता वह छोटे से खरगोश को ही
खा लेती जिसको उसने छोड़ा था। कुछ देर आराम करने के बाद लोमड़ी खरगोश को
ढूंढने के लिए फिर से जंगल में भटकने लगी।
जंगल में खरगोश को ढूंढते हुए लोमड़ी वहां पहुँची जहाँ उसने खरगोश
(Rabbit) को देखा था। लेकिन लोमड़ी को वहां खरगोश नहीं दिखा। थक हारकर लोमड़ी
को अपनी गुफा में लौटना पड़ा। जिसके बाद कई दिनों तक भूखी लोमड़ी अपनी गुफा
में भूखा रहना पड़ा और बहुत दिन बीत जाने के बाद लोमड़ी को खाना मिला।

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